मैं ऊब चुका हूं जिंदगी में रोज रोज के फसाने से मौत मुझे अच्छी लगने लगी है अपनो के दूर जाने से

हमारा दिल भी टूटा उसी के हाथों जिसने संभालने का वादा किया था

बड़े खुश नजर आते हो ये खुशी नया प्यार मिलने का है या मेरे मरने की खबर सुन के खुश हो

जो तुम्हे ना समझ सका वो तुम्हारा दर्द क्या समझेगा

क्या गजब की दास्तान है हमारी मोहब्बत का वो मेरी होना नही चाहती और मैं उसके बिना किसी और का

किसी दिन रूठेंगे हम भी ऐसे मिलने को तरस जायेंगे लोग हमसे

तुम्हे पाने की तलाश मेरी कभी खत्म ही नही होती हर रोज नए नए तरीके आजमाते है

मेरी जिंदगी का वो एक हिस्सा था वो अब एक किस्सा बन के रह गया है

कब्जा हुआ उसका इस कदर मेरे दिल पर वो मुझे मिलती भी नही और मेरे दिल से निकलती भी नही

हम अपनी जिंदगी बनाना चाहते थे उसे और वो चंद लम्हा बिताने आए थे