जिंदगी कोई Pandrive नही की मनपसंद गाना बजा सको जिंदगी तो रेडियो जैसी है कब कौन सा गाना बज जाए पता नही चलता

सताने वाले क्या जाने की दिल में दर्द कितना है जो हर गाम भुला दे मुस्कुरा कर जिंदगी का वही असली बादशाह है

तुम्हारा पल भर का साथ खरीदने के लिए थोड़ी थोड़ी जिंदगी रोज बेचते है हम

क्या गजब की दास्तान है हमारी मोहब्बत का वो मेरी होना नही चाहती और  मैं उसके बिना किसी और का

अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ

बहुत दुख होता है जब जिंदगी भर साथ देने वाला शख्स बीच रास्ते में साथ छोड़ दे

जब चाहे तरफ रोशनी हो तो परछाई भी साथ छोड़ देती है

ये जिंदगी आज कल मुझसे नाराज रहती है लाख दवाइयां खाऊं तबियत खराब ही रहती है

अगर हम मोहब्बत सिर्फ जिस्म से होती तो सिर्फ तुमसे ही क्यों हजारों से होती